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Debt Mutual Funds – क्या होते हैं और कब निवेश करें?

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1. Debt Mutual Fund क्या है? Debt Mutual Fund एक ऐसा म्यूचुअल फंड है जो मुख्य रूप से Fixed Income Securities में निवेश करता है, जैसे कि Government Bonds, Corporate Bonds, Treasury Bills, Commercial Papers और अन्य Debt Instruments. इनका मकसद निवेशकों को स्थिर और अपेक्षाकृत सुरक्षित रिटर्न देना होता है. Equity Funds की तरह ये शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से उतने प्रभावित नहीं होते । 2. Debt Mutual Fund के प्रकार Debt Funds कई प्रकार के होते हैं, जो निवेश की अवधि और रिस्क के आधार पर चुने जाते हैं: Liquid Funds – 91 दिन या उससे कम अवधि के लिए, कम जोखिम । Ultra Short Duration Funds – 3–6 महीने के लिए । Short Duration Funds – 1–3 साल के निवेश के लिए । Corporate Bond Funds – AAA-rated कंपनियों के बॉन्ड्स में निवेश । Gilt Funds – केवल Government Securities में निवेश, Zero Credit Risk । Dynamic Bond Funds – Interest Rate के अनुसार Duration बदलते हैं । 3. Benefits and Risks फायदे: -Equity की तुलना में कम उतार-चढ़ाव । -Regular Income का विकल्प । -विविध प्रकार के Funds का चुनाव । -Liquidity – कभ...

Stock Split aur Bonus Share क्या है? – उदाहरण के साथ समझिए (2025 Guide)

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परिचय: स्टॉक मार्केट में अक्सर आप सुनते होंगे – “कंपनी ने स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) किया है” या “कंपनी ने बोनस शेयर (Bonus Shares) घोषित किए हैं”।  लेकिन ज़्यादातर शुरुआती निवेशकों को यह समझ नहीं आता कि आखिर इन दोनों का मतलब क्या है और यह उनके निवेश (Investment) पर कैसे असर डालते हैं। आज हम इस आर्टिकल में स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर को आसान भाषा में, उदाहरण के साथ समझेंगे। साथ ही जानेंगे कि इन दोनों के बीच क्या फर्क है और क्यों कंपनियां इन्हें जारी करती हैं। स्टॉक स्प्लिट (Stock Split) क्या है? स्टॉक स्प्लिट का मतलब है – किसी शेयर को छोटे–छोटे हिस्सों में बाँट देना।  इससे शेयर की फेस वैल्यू (Face Value) और कीमत घट जाती है, लेकिन आपके पास शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। 👉 उदाहरण :  मान लीजिए, आपके पास 1 शेयर है जिसकी कीमत ₹1000 है और फेस वैल्यू ₹10 है।  कंपनी ने 1:2 का स्टॉक स्प्लिट घोषित किया।  अब एक शेयर की फेस वैल्यू ₹5 हो जाएगी।  और आपके पास 1 शेयर की जगह 2 शेयर आ जाएंगे। ध्यान रहे :  आपके निवेश की कुल कीमत पर कोई असर नहीं पड़ता।  बस शेयरों की ...

Index Fund vs Mutual Fund में कौन बेहतर है?

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Introduction शेयर बाजार में निवेश करने वाले नए investors अक्सर एक ही सवाल पूछते हैं – "Mutual Fund में पैसा लगाएं या Index Fund में?" दोनों ही options लंबे समय में wealth बनाने के लिए अच्छे माने जाते हैं, लेकिन इनके काम करने का तरीका, risk level और returns अलग होते हैं। अगर आप भी confuse हैं, तो यह article आपके लिए है, जिसमें हम इन दोनों को simple language में compare करेंगे। Index Fund क्या है? Index Fund एक ऐसा mutual fund होता है जो किसी stock market index को follow करता है। जैसे – Nifty 50 Index Fund, Sensex Index Fund।इसका मतलब है कि अगर Nifty 50 में 50 companies हैं, तो आपका fund भी वही 50 companies में invest करेगा, और उसी ratio में। Example: अगर Reliance का weight Nifty में 10% है, तो आपके Index Fund में भी Reliance का weight 10% ही होगा। इसका return पूरी तरह market index के performance पर depend करता है। Features: -Low cost (कम expense ratio) -Market के साथ चलता है -Active fund manager की जरूरत नहीं Mutual Fund क्या है? Mutual Fund में investors का पैसा एक साथ colle...

Compounding in Stock Market क्या है? – Magic of Power of Compounding

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परिचय: स्टॉक मार्केट में संपत्ति बनाने का सबसे बड़ा राज़ है Compounding । जब आपका पैसा समय के साथ interest पर भी interest कमाने लगता है, तो वह एक बर्फ़ के गोले (snowball) की तरह बढ़ता जाता है। 👉 इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे: Compounding क्या है? Stock Market में Compounding कैसे काम करता है? इसके फायदे और नुकसान/गलतियाँ एक Example Calculation और Beginners इसे practically कैसे अपनाएँ 🔹 Compounding क्या है? Compounding का मतलब है— Principal + पहले के interest दोनों पर अगला interest मिलना। Simple Interest: सिर्फ Principal पर ब्याज। Compound Interest: Principal + पहले के ब्याज दोनों पर ब्याज। सरल उदाहरण: ₹1,00,000 को 10% वार्षिक दर से लगाएँ—पहले साल के अंत में ₹1,10,000। दूसरे साल ब्याज सिर्फ ₹1,00,000 पर नहीं, बल्कि ₹1,10,000 पर लगेगा—राशि बनेगी ₹1,21,000। यही प्रक्रिया हर साल चलती है। 🔹 Stock Market में Compounding कैसे काम करता है? SIP (Systematic Investment Plan): हर महीने निवेश—राशि और समय का मिलकर असर। Dividend Reinvestme...

Tax Harvesting क्या है? – Mutual Funds और Stocks में टैक्स बचाने की स्मार्ट रणनीति

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हर निवेशक का एक ही सवाल होता है – “मुनाफा तो हो रहा है, लेकिन टैक्स कैसे कम करें?” इसी समस्या का कानूनी और स्मार्ट समाधान है Tax Harvesting । इसमें आप अपने मुनाफे का एक हिस्सा समय रहते बुक करके दोबारा उसी या समान निवेश में लगा देते हैं। इससे टैक्स देनदारी कम रहती है और compounding जारी रहती है। इस लेख में: Tax Harvesting meaning यह कैसे काम करता है – Step-by-Step कब करें? फायदे Limitations/सावधानियां Zerodha/Groww पर कैसे करें? FAQs नया टैक्स रेट (संक्षेप) Tax Harvesting meaning: Tax Harvesting क्या है? सिंपल शब्दों में, जब आपके Equity Mutual Fund या Shares में लॉन्ग-टर्म प्रॉफिट (LTCG) बन गया हो, तो आप उतने units/shares बेचकर LTCG की टैक्स-फ्री लिमिट तक मुनाफा “हार्वेस्ट” करते हैं और तुरंत वही पैसा फिर से उसी/समान निवेश में लगा देते हैं। आपके investment की नई cost (cost basis) reset हो जाती है, भविष्य में होने वाला टैक्स कम लग सकता है, और पैसा मार्केट ...

Intraday Trading vs Long Term Investment – Beginner Guide in Hindi

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परिचय: स्टॉक मार्केट शुरू करने वाले हर इंसान के मन में एक सवाल आता है— “Intraday Trading करूँ या Long Term Investment?” दोनों लोकप्रिय तरीके हैं, लेकिन इनके उद्देश्य, समयावधि, जोखिम और रिटर्न एक-दूसरे से काफी अलग हैं। इस आर्टिकल में इन्हें आसान हिंदी में समझते हैं। 👉 इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे: Intraday Trading क्या है? Long Term Investment क्या है? दोनों के बीच मुख्य अंतर फायदे और नुकसान Beginners के लिए बेहतर विकल्प 🔹 Intraday Trading क्या है? Intraday Trading का मतलब है—एक ही दिन में शेयर खरीदना और उसी दिन बेचना। लक्ष्य होता है छोटे-छोटे price movements से जल्दी लाभ कमाना। उदाहरण: मान लीजिए आपने Reliance का शेयर ₹2,500 पर खरीदा और उसी दिन ₹2,520 पर बेच दिया। अगर आपने 100 शेयर लिए थे तो कुल लाभ ≈ ₹2,000 (brokerage/charges छोड़कर)। किसके लिए उपयुक्त? तेज़ decision लेने वाले, charts/indicators समझने वाले, समय देने वाले traders के लिए। 🔹 Long Term Investment क्या है? Long Term Investment में किसी अच्छी कंपनी/फंड में निवेश कर सालों तक...

Penny Stocks क्या होते हैं? – फायदे और नुकसान (2025 Guide)

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  परिचय: स्टॉक मार्केट में अक्सर “Penny Stocks” का नाम सुनने को मिलता है। कई लोग इन्हें लेकर सपना देखते हैं कि ₹2 का शेयर कभी ₹200 हो जाएगा। लेकिन सच्चाई यह है कि Penny Stocks जितने आकर्षक दिखते हैं, उतने ही जोखिम भरे भी होते हैं। इस आर्टिकल में हम विस्तार से समझेंगे – Penny Stocks क्या होते हैं, इनके फायदे और नुकसान, उदाहरण और निवेशकों के लिए सुझाव। 🔹 Penny Stocks क्या होते हैं? Penny Stocks ऐसे शेयर होते हैं जिनका मूल्य बहुत कम होता है (आमतौर पर ₹1 से ₹10, या कभी ₹50 से नीचे)। ये कंपनियाँ आमतौर पर छोटी (Small) या माइक्रो-कैप (Micro Cap) होती हैं। कम दाम + ज्यादा उतार-चढ़ाव के लिए मशहूर। Market Cap बहुत छोटा। Transparency और जानकारी की कमी। 🔹 Penny Stocks की विशेषताएँ कीमत बहुत कम (₹1–₹50 तक)। ज्यादा उतार-चढ़ाव (High Volatility)। Liquidity कम (खरीदने-बेचने वालों की संख्या कम)। कम जानकारी उपलब्ध। Risky लेकिन High Return की संभावना। 🔹 Penny Stocks के फायदे कम पैसे से शुरुआत: सिर्फ ₹500–₹1000 में कई शेयर खरीद सकते हैं। Multibagger Return: कभी–कभी ₹5 ...