Tax Harvesting क्या है? – Mutual Funds और Stocks में टैक्स बचाने की स्मार्ट रणनीति
हर निवेशक का एक ही सवाल होता है – “मुनाफा तो हो रहा है, लेकिन टैक्स कैसे कम करें?” इसी समस्या का कानूनी और स्मार्ट समाधान है Tax Harvesting। इसमें आप अपने मुनाफे का एक हिस्सा समय रहते बुक करके दोबारा उसी या समान निवेश में लगा देते हैं। इससे टैक्स देनदारी कम रहती है और compounding जारी रहती है।
Tax Harvesting meaning: Tax Harvesting क्या है?
सिंपल शब्दों में, जब आपके Equity Mutual Fund या Shares में लॉन्ग-टर्म प्रॉफिट (LTCG) बन गया हो, तो आप उतने units/shares बेचकर LTCG की टैक्स-फ्री लिमिट तक मुनाफा “हार्वेस्ट” करते हैं और तुरंत वही पैसा फिर से उसी/समान निवेश में लगा देते हैं।
- आपके investment की नई cost (cost basis) reset हो जाती है,
- भविष्य में होने वाला टैक्स कम लग सकता है,
- और पैसा मार्केट में invested ही रहता है – compounding चालू!
यह कैसे काम करता है? (Step-by-Step Guide)
- अपने MF/Stock की खरीद लागत और वर्तमान मूल्य देखें।
- होल्डिंग अवधि > 12 महीने (equity) है? तो लाभ को LTCG माना जाएगा।
- चालू वित्त वर्ष में अब तक बुक हुआ कुल LTCG निकालें।
- ₹1.25 लाख की छूट सीमा के भीतर रहने के लिए उतने units/shares बेचें।
- बेचते ही उसी/समान स्कीम में तुरंत re-invest कर दें ताकि compounding न रुके।
- सभी लेन-देन का रिकॉर्ड रखें: तारीख, units, NAV, gain, broker contract note आदि।
Tax Harvesting कब करें?
- वित्त वर्ष के अंत (31 मार्च से पहले) – ताकि साल भर का कुल LTCG साफ दिखे।
- जब किसी फंड/स्टॉक में लंबे समय से अच्छा unrealized profit बना हो।
- जब कुल LTCG ₹1.25 लाख की सीमा के पास पहुंचे।
फायदे (Benefits)
- टैक्स बचत: छूट सीमा तक लाभ निकालकर टैक्स देनदारी घटती है।
- Compounding जारी: तुरंत re-invest से growth चलती रहती है।
- Cost reset: भविष्य के gains अपेक्षाकृत कम टैक्सेबल हो सकते हैं।
Limitations / सावधानियां
- Exit load/Lock-in: ELSS में 3-साल का lock-in; कुछ funds में exit load हो सकता है।
- Charges: STT, DP charges, brokerage/transaction cost बार-बार करने से बढ़ती है।
- Short-term पर लागू नहीं: ≤12 माह होल्डिंग में STCG लगता है।
- Documentation: ITR रिपोर्टिंग के लिए रिकॉर्ड रखें। आवश्यक हो तो CA से सलाह लें।
Zerodha / Groww पर Tax Harvesting कैसे करें?
- Holdings/Portfolio में 12 महीने से पुरानी gain वाली होल्डिंग्स पहचानें।
- साल का कुल LTCG देखें और ₹1.25 लाख तक gain बुक करने की मात्रा तय करें।
- उतने units/shares बेचें और उसी/समान स्कीम में उसी दिन/अगले दिन re-invest कर दें।
- ELSS/exit-load/lock-in वाले funds में harvesting न करें। Demat में DP charges ध्यान रखें।
नया टैक्स रेट (संक्षेप)
कैटेगरी | होल्डिंग अवधि | टैक्स | नोट |
---|---|---|---|
Equity / Equity-oriented MF – LTCG | > 12 माह | ₹1.25 लाख तक छूट; उससे ऊपर 12.5% | 23 जुलाई 2024 के बाद की बिक्री पर लागू |
Equity / Equity-oriented MF – STCG | ≤ 12 माह | 20% | सेक्शन 111A के अंतर्गत |
*नियम समय-समय पर बदल सकते हैं। निवेश/कर सलाह के लिए अपने सलाहकार/CA से पुष्टि करें।
FAQs – People Also Ask
1) भारत में Tax Harvesting का क्या अर्थ है?
LTCG की टैक्स-फ्री सीमा तक लाभ बुक करके वही पैसा फिर से निवेश करना ताकि टैक्स कम लगे और compounding जारी रहे।
2) Tax Harvesting की लिमिट क्या है?
Equity/Equity-oriented mutual funds में LTCG की टैक्स-फ्री लिमिट ₹1.25 लाख प्रति वित्त वर्ष है।
3) क्या हर साल Tax Harvesting जरूरी है?
जरूरी नहीं। तब करें जब आपका कुल LTCG छूट सीमा के पास पहुंच रहा हो।
4) Mutual Fund में Tax Harvesting कैसे करें?
>12 महीने पुराने लाभ वाले units का हिस्सा बेचें, लाभ छूट सीमा के भीतर रहे और तुरंत पुनः निवेश कर दें।
5) Stocks में Tax Harvesting कैसे करें?
Long-term लाभ वाली होल्डिंग्स का हिस्सा बेचें और उसी/समान स्टॉक में staggered re-entry करें।
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